मैहर में माई की रसोई में कई प्रकार के व्यंजनों से भरी थाली और रुकने के लिए कमरा भी पूरी तरह से नि:शुल्‍क उपलब्ध

जबलपुर
52 शक्तिपीठों में से एक मैहर के त्रिकूट पर्वत पर विराजमान मां शारदा देवी के भक्त पूरी दुनिया में करोड़ों की संख्या में हैं। नवरात्र के दिनों जहां मैहर में रोजाना डेढ़ से दो लाख श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए पहुंचते हैं तो वहीं वर्ष भर यहां भक्तों की भीड़ रहती है। ऐसे में यहां श्रद्धालुओं को रुकने और खाने के लिए किसी प्रकार की चिंता करने की जरूरत नहीं है। क्योंकि मां के भक्त द्वारा संचालित माई की रसोई में कई प्रकार के व्यंजनों से भरी थाली और रुकने के लिए कमरा भी पूरी तरह से निश्शुल्क उपलब्ध है।

मैहर रेलवे स्टेशन के पास श्री गुरु कार्ष्णि मां शारदा सेवा संस्थान द्वारा संचालित माई की रसोई की ख्याति अब पूरे देश में फैल रही है। एक ओर जहां मंदिर के नीचे मां के प्रसाद के रूप में भक्तों को खिचड़ी वितरित की जाती है तो वहीं माई की रसोई में जाकर कोई भी श्रद्धालु भर पेट स्वादिष्ट भोजन प्रसाद के रूप में ग्रहण कर सकता है। मां शारदा मंदिर के प्रधान पुजारी रह चुके बम बम महाराज के बड़े पुत्र धीरज पांडेय संस्थान के अध्यक्ष और संचालक हैं। उन्होंने बताया कि मैहर में माई की रसोई की सफलता के बाद अब देश के बड़े तीर्थ क्षेत्र उप्र के विंध्यवासिनी देवी, बनारस, मप्र के उज्जैन में भी अब श्रद्धालुओं के लिए माई की रसोई शुरू की जाएगी जहां निश्शुल्क रूप से श्रद्धालु भर पेट व्यंजनों से भरी थाली प्रसाद के रूप में ग्रहण कर सकेंगे।

पांच वर्ष में 50 लाख श्रद्धालु कर चुके भोजन
माई की रसोई में सेवा देने वाले सेवक अमित पांडेय (गोलू) ने बताया कि सात जनवरी 2019 से निरंतर माई की रसोई संचालित है। रोजाना यहां दो से ढाई हजार लोग भोजन ग्रहण करते हैं। अब तक छह वर्षों में लगभग 50 लाख श्रद्धालु यहां भोजन ग्रहण कर चुके हैं। मुख्य पुजारी बम बम महाराज गुरु जी के आदेश से धीरज महाराज ने शुरुआत में पांच किलो हलवा बनाकर प्रसाद वितरण शुरू किया था जो आज वृहद रूप से माई की रसोई में बदल चुका है।

यहां सर्वप्रथम रोजाना मां शारदा के लिए 56 भोग निकलता है और भोग के बाद दोपहर 12.30 से भोजन वितरण शुरू हो जाता है जो रात्रि 11 बजे तक जारी रहता है। सुबह से रात्रि तक 35 सेवकों का स्टाफ भक्तों की सेवा करता है। उन्होंने बताया कि देशभर से आने वाले श्रद्धालु अपने स्वेच्छानुसार यहां सहयोग करते हैं, जिसके कारण यह रसोई संचालित है। कोरोना काल में भी माई की रसोई के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में जाकर भोजन वितरित किया गया था।

ऐसे रुक सकते हैं भक्त निश्शुल्क
अमित पांडेय ने बताया कि संस्थान द्वारा संचालित धर्मशाला में एसी और बिना एसी के कमरे भी निश्शुल्क श्रद्धालुओं को रुकने के लिए दिए जाते हैं इसके लिए छह से सात दिन पूर्व मोबाइल नंबर 6232451111 पर कमरा बुक करना होता है। इस बार भी हजारों श्रद्धालु मैहर पहुंच रहे हैं और माई की रसोई में सुबह से लेकर शाम तक भक्त सुलभ रूप से माई का प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं और स्वेच्छा से सहयोग भी करते हैं।

Source : Agency

15 + 4 =

Ahtieshyam Uddin (Editor in Chief)

Email: nationalsamacharindia2019@gmail.com

Mobile:    (+91) 8770103914

(Office Chhattisgarh)

Chhatisgarh Bureau Office: Vaishali Residency, Shop No.01, Ward No. 44, Shankar Nagar, Bilaspur (CG) Pin: 495004