युद्ध में खतरनाक रासायनिक हथियार उपयोग के लग रहे आरोप, रशियन चोकिंग एजेंट का यूक्रेन में हो रहा यूज?

नई दिल्ली.

यूक्रेन से चल रही खतरनाक जंग के बीच व्लादिमीर पुतिन की सेना पर नए आरोप लगे हैं। पुतिन आर्मी पर यूक्रेन में रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल करने का आरोप है। हालांकि यह पहली बार नहीं जो रूस कर रहा हो, लेकिन, इस बार इस्तेमाल यह रासायनिक हथियार बेहद खतरनाक है। इसे प्रथम विश्व युद्ध में भी इस्तेमाल किया गया था। इसे रूस के दुश्मन रशियन चोकिंग एजेंट कहकर बुलाते हैं। कितना खतरनाक है, रूस का यह रासायनिक हथियार, जानते हैं।

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे महायुद्ध को तीसरे साल में भी जारी है। फरवरी 2022 को शुरू हुए इस युद्ध में रूसी सेना यूक्रेन के शहरों को श्मशान घाट बना चुकी है। लाखों की संख्या में लोग मारे जा चुके हैं। बावजूद इसके न तो रूसी सेना ने अपने कदम पीछे किए हैं और न ही यूक्रेन ने अपने घुटने टेके हैं। यूक्रेन अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों की मदद के दम पर पुतिन की ताकतवर आर्मी और विस्फोटक हथियारों के सामने टिका हुआ है। इस बीच रूसी सेना एक बार फिर अमेरिका समेत पूरी दुनिया के निशाने पर है। अमेरिका ने रूस पर यूक्रेन में रासायनिक हथियारों के प्रयोग करने का आरोप लगाया है। अगर रूस पर लगे आरोप सही साबित होते हैं, तो यह अंतरराष्ट्रीय कानूनों का घोर  उल्लंघन होगा। पहले से ही प्रतिबंधों की बौछार झेल रहे रूस पर एक बार फिर कड़ा ऐक्शन हो सकता है। अमेरिका के विदेश विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि रूस ने यूक्रेन पर बढ़त हासिल करने के लिए गैर कानूनी तरीकों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। रूस पर उसके चोकिंग एजेंट क्लोरोपिक्रिन का इस्तेमाल करने का आरोप है। हालांकि क्रेमलिन ने इन आरोपों को "निराधार" बताते हुए खारिज कर दिया है। रूस की ओर से प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने मॉस्को में संवाददाताओं से कहा कि रूस सीडब्ल्यूसी के तहत अपने दायित्वों पर कायम है, जो देश को नए हथियार विकसित करने या हासिल करने से रोकता है। लगभग 193 देश इस कानून का पालन करते हैं।

कितना खतरनाक है रशियन चोकिंग एजेंट
यह पहली बार नहीं है, जब यूक्रेन से युद्ध के दौरान रूस पर पहली बार रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के आरोप लगे हों। इस बार नया आरोप- क्लोरोपिक्रिन के इस्तेमाल का है। इसे रशियन चोकिंग एजेंट के नाम से भी जाना जाता है। जैसा कि इसका नाम है, यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) के अनुसार, यह फेफड़ों, आंखों और त्वचा में जलन पैदा करता है और उल्टी, मतली और दस्त का कारण बन सकता है। यह किसी को भी इतना बीमार कर देता है कि शख्स की मौत भी हो जाती है। सीडीसी के मुताबिक, यह रासायनिक हथियार ऐसा पदार्थ है जिसका उपयोग किसी को जानबूझकर मारने के लिए तैयार किया गया है। इसे प्रथम विश्व युद्ध के दौरान भी इस्तेमाल किया गया था। तब भी इसने हजारों की संख्या में लोगों की जान ले ली थी।

Source : Agency

4 + 14 =

Ahtieshyam Uddin (Editor in Chief)

Email: nationalsamacharindia2019@gmail.com

Mobile:    (+91) 8770103914

(Office Chhattisgarh)

Chhatisgarh Bureau Office: Vaishali Residency, Shop No.01, Ward No. 44, Shankar Nagar, Bilaspur (CG) Pin: 495004