गंगा जन्मोत्सव आज, जानिए महत्व 

नई दिल्ली
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के दिन करोड़ों भारतीयों की आस्था और जन-जन का पोषण करने वाली पवित्र नदी गंगा की उत्पत्ति हुई थी। यह दिन गंगा सप्तमी या गंगा जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन गंगा नदी ने स्वर्गलोक से आकर शिवजी की जटाओं में प्रवेश किया था। इसलिए इसे गंगा के जन्म के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष गंगा जन्मोत्सव 19 मई 2021, बुधवार को मनाया जाएगा। गंगा सप्तमी के दिन गंगा पूजा और गंगा में स्नान करने परम पवित्र पुण्य फल प्राप्त होता है, लेकिन चूंकिइस बार कोरोना वायरस के कारण लाकडाउन चल रहा है, इसलिए गंगा नदी में स्नान करना संभव नहीं हो पाएगा।

 ऐसे में अपने घर में ही पानी में गंगाजी का जल डालकर मंत्रोच्चार सहित स्नान करें। गंगा जन्मोत्सव पर गंगाजी के जल से स्नान करने पर पापों का क्षय होता है। गंगा को सबसे ऊंचा दर्जा प्राप्त है वेदों-पुराणों में सप्त नदियों का वर्णन आता है, जिनमें गंगा को सबसे ऊंचा दर्जा प्राप्त है। गंगा स्वर्ग की नदी है, जिसने भगीरथी के आह्वान पर पहले शिवजी की जटाओं में प्रवेश किया और फिर शिवजी की जटाओं से पृथ्वी का स्पर्श किया। गंगाजी ने जिस दिन प्रथम बार पृथ्वी का स्पर्श किया उस दिन को गंगा दशहरा कहा जाता है। हिंदुओं की आस्था में गंगा को देवी का दर्जा प्राप्त है। पितरों के पिंड दान और अस्थियां विसर्जन गंगा में करने से उन्हें मोक्ष प्राप्त होता है। गंगा के किनारे जितने भी नगर बसे हुए हैं, वे सभी तीर्थस्थल बन गए हैं।
 

Source : Agency

6 + 15 =

Ahtieshyam Uddin (Editor in Chief)

Email: nationalsamacharindia2019@gmail.com

Mobile:    (+91) 8770103914

(Office Chhattisgarh)

Chhatisgarh Bureau Office: Vaishali Residency, Shop No.01, Ward No. 44, Shankar Nagar, Bilaspur (CG) Pin: 495004