अदालत में के. कविता ने की ऐसी मांग, जज साहब बोले- ना... यह मंजूर नहीं, जमानत याचिका भी हुई खारिज

नई दिल्ली

शराब घोटाला मामले में एक बार फिर बीआरएस एमएलसी कविता को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने कविता की जमानत याचिका खारिज कर दी। राउज एवेन्यू कोर्ट ने कविता की अंतरिम और नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने पिछले महीने दो याचिकाओं पर सुनवाई की। लेकिन ईडी और सीबीआई ने दलील दी कि एमएलसी कविता को जमानत नहीं दी जानी चाहिए। ईडी और सीबीआई ने कोर्ट से कहा कि कविता जांच को प्रभावित करेंगी। लेकिन कविता फिलहाल न्यायिक हिरासत में तिहाड जेल में हैं।

बीआरएस नेता के कविता ने कोर्ट से कहा कि उन्हें स्टार प्रचारक के तौर पर अभियान में हिस्सा लेना है। कविता ने कोर्ट से कहा कि एक महिला होने के नाते वह पीएमएलए की धारा 45 के तहत जमानत की पात्र हैं। ऐसा लगता है कि राउज एवेन्यू कोर्ट द्वारा जमानत देने से इनकार करने के बाद कविता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगी। सीबीआई और ईडी मामले में कविता की जमानत याचिका एक बार फिर खारिज कर दी गई।

ईडी और सीबीआई दोनों ने किया गिरफ्तार

प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली के कथित शराब घोटाला मामले में तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी कविता को 15 मार्च को हैदराबाद में उनके बंजारा हिल्स आवास से गिरफ्तार किया। सीबीआई ने उन्हें 11 अप्रैल को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था, जहां वह ईडी द्वारा जांच की जा रही मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बंद थीं। दोनों मामलों में उनकी न्यायिक हिरासत 7 मई को खत्म होने वाली है।

दिल्ली शराब घोटाले में जेल में बंद आप के ये नेता

दिल्ली शराब घोटाला मामले में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जमानत नहीं मिली है। वहीं, मालूम हो कि आम आदमी पार्टी से ताल्लुक रखने वाले राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को पिछले दिनों जमानत मिल चुकी है। सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद पिछले महीने की 4 तारीख को संजय सिंह को जमानत मिल गई थी
क्या है दिल्ली का शराब घोटाला

असल में तीन साल पहले 17 नवंबर 2021 को राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार ने नई शराब नीति को लागू कर दिया था। इस नई नीति के मुताबिक दिल्ली को कुल 32 जोन में बांटा गया और कहा गया कि आप हर जोन में 27 शराब की दुकानें खोल सकते हैं। अगर इसी आंकड़े के हिसाब से टोटल किया जाए तो पूरी दिल्ली में 849 शराब की दुकानें खुलनी थीं। एक बड़ा बदलाव ये होने वाला था कि जो भी शराब की दुकाने खुलनी थीं, वो सारी निजी सेक्टर की थीं, सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं था। दूसरे शब्दों में जिस शराब करोबार में पहले सरकारी की हिस्सेदारी रहती थी, नई नीति के तहत उसे ही खत्म कर दिया गया।

इस शराब नीति के कार्यान्वयन में काफी अनियमितताओं की शिकायतें मिली थी। इसके बाद एलजी ने सीबीआई जांच की सिफारिश की। इसके साथ ही दिल्ली की नई शराब नीति पर सवाल खड़े होने लगे थे। बाद में सरकार ने इस नीति को रद्द कर दिया। सीबीआई ने अगस्त 2022 में इस मामले में 15 आरोपियों के खिलाफ नियमों के कथित उल्लंघन और नई शराब नीति में प्रक्रियागत गड़बड़ी के आरोप में मामला दर्ज किया। इतना ही नहीं सीबीआई के बाद ईडी ने भी पीएमएलए के तहत एक मामले की जांच शुरू कर दी।

Source : Agency

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