हाल में देश में हुई टारगेटेड हत्याओं में पाकिस्तान के पास भारत की संलिप्तता के सबूत हैं : आईएसपीआर के डीजी

इस्लामाबाद
इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक (डीजी) मेजर जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने मंगलवार को कहा कि हाल में देश में हुई टारगेटेड हत्याओं में पाकिस्तान के पास भारत की संलिप्तता के 'अकाट्य सबूत' हैं।

चौधरी ने रावलपिंडी में जनरल मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की हत्या का सिलसिला अब विभिन्न देशों में फैल गया है। दूसरे देश में सिख नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से लेकर, भारत पाकिस्तान में लोगों की हत्याओं में शामिल रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पास हत्याओं के पीछे भारत की संलिप्तता के अकाट्य सबूत हैं। मेजर जनरल ने कहा कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियां सीमा पर आक्रामकता दिखाकर और साथ ही पाकिस्तान विरोधी चुनावी कहानी बनाकर अपने आंतरिक मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने की भारत की योजना से अवगत हैं।

डीजी आईएसपीआर ने दावा किया कि मौजूदा लोकसभा चुनावों के दौरान जम्मू-कश्मीर में लोगों की राय को दबाने की भारत की योजना भी स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि पांच दिनों में पांच सीटों के चुनाव का उद्देश्य केवल कश्मीरियों की आवाज को दबाना और चुनाव परिणाम में हेरफेर करना है।

अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सुरक्षा स्थिति का जिक्र करते हुए, डीजी आईएसपीआर ने अफगान तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ एक आरोप पत्र जारी किया। इसमें दावा किया गया कि देश में 90 प्रतिशत से अधिक आतंकवादी हमलों को अफगानिस्तान द्वारा बढ़ावा दिया जाता है।

उन्होंने कहा कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) को अफगानिस्तान सहयोग, सुविधा और प्रश्रय प्रदान करता है। अफगान नागरिक पाकिस्तान में आतंकी हमलों को अंजाम दे रहे हैं। हमने कई अफगान आतंकवादियों को मार गिराया है और पकड़ लिया है। वे सीमा से जुड़े स्पिन बोल्डक, पक्तिका आदि क्षेत्रों के हैं।

उन्होंने कहा कि बेशाम में चीनी इंजीनियरों पर हमले में एक आत्मघाती अफगानी हमलावर शामिल था। हमले में पांच चीनी नागरिकों और एक पाकिस्तानी नागरिक की मौत हो गई थी। हमले में शामिल वाहन भी अफगानिस्तान में तैयार किया गया था।

डीजी आईएसपीआर ने यह भी कहा कि ग्वादर और बलूचिस्तान के अन्य हिस्सों में हुए हमलों में अफगान नागरिक और बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) - माजिद ब्रिगेड के आतंकी शामिल थे। डीजी आईएसपीआर ने कहा कि यह सर्वविदित है कि बीएलए को अफगानिस्तान द्वारा समर्थन व मदद प्राप्त है।

सेना प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर सहित देश के सैन्य प्रतिष्ठान के खिलाफ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेताओं द्वारा की गई हालिया धमकियों का जिक्र करते हुए, डीजी आईएसपीआर ने कहा कि ऐसे समूहों के साथ कोई बातचीत नहीं हो सकती, जो देश की अखंडता और सुरक्षा के लिए खतरा हैं।

सेना और इमरान खान की पीटीआई के बीच पिछले दरवाजे से बातचीत होने की अफवाहों के बारे में पूछे जाने पर, चौधरी ने कहा, "9 मई के दंगों और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमलों के पीछे के दोषियों के लिए आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता माफी मांगना है।

Source : Agency

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